Raksha Bandhan का पर्व भारतीय संस्कृति में भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इसी प्रेम को और मजबूत करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बेहद सराहनीय कदम उठाया है। कानपुर सहित पूरे राज्य में महिलाओं और उनके एक सहयात्री को 8 अगस्त से 10 अगस्त तक रोडवेज और ई-बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा प्रदान की जा रही है। यह योजना न केवल सामाजिक समरसता को बढ़ावा देती है, बल्कि महिलाओं को उनके गंतव्य तक सुरक्षित और सहज यात्रा की भी गारंटी देती है।
कानपुर रीजन में तैयारियां पूरी, हजारों कर्मियों की ड्यूटी तय
रक्षाबंधन के इस विशेष अवसर पर कानपुर रीजन में कुल 1100 ड्राइवर और 1200 कंडक्टर को तैनात किया गया है। इनकी छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं ताकि तीनों दिन बिना किसी बाधा के यात्रा संचालन किया जा सके। यह निर्णय इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि रक्षाबंधन के दौरान महिलाओं की संख्या सामान्य दिनों की तुलना में कई गुना अधिक हो जाती है। ऐसे में रोडवेज और ई-बस सेवाओं को अतिरिक्त सतर्कता और सुविधा के साथ संचालन में लाना आवश्यक हो जाता है।
मुफ्त सफर का समय और रूट: हर दिशा में मिलेगी सुविधा
उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) की ओर से यह घोषणा की गई है कि 8 अगस्त सुबह 6 बजे से 10 अगस्त रात 12 बजे तक महिलाएं और उनके साथ एक सहयात्री मुफ्त सफर का लाभ ले सकेंगे। यह सुविधा कानपुर की 677 रोडवेज बसों और 84 ई-बसों में लागू होगी।
इतना ही नहीं, महिला यात्रियों की जरूरत को ध्यान में रखते हुए विशेष रूप से लखनऊ, गोरखपुर, वाराणसी, रायबरेली, प्रयागराज, मैनपुरी, कन्नौज, बहराइच, अयोध्या, फतेहपुर, लखीमपुर खीरी, बाराबंकी जैसे रूटों पर स्पेशल बसें चलाई जाएंगी। यह रूट पिछले वर्षों के अनुभवों के आधार पर चिन्हित किए गए हैं, जिन पर महिलाओं की यात्रा की अधिकतम मांग देखी गई है।
हर 5 से 15 मिनट में बसें, महिला यात्रियों के लिए समयबद्ध सेवाएं
मेजर सलमान खान अंतरराज्यीय बस अड्डा (झकरकटी) से महिलाओं के लिए विशेष समय सारणी तैयार की गई है। लखनऊ के लिए हर 5 मिनट, गोरखपुर, रायबरेली, मैनपुरी और वाराणसी जैसे मार्गों के लिए 15-15 मिनट के अंतराल पर बसें उपलब्ध होंगी। वहीं, दिल्ली के लिए हर 30 मिनट में बस चलाई जाएगी।
इसके अलावा, रावतपुर, चुन्नीगंज, विकास नगर और किदवई नगर जैसे डिपो से भी महिलाओं को आसानी से बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। यह प्रयास इसलिए किया गया है ताकि महिलाओं को अपने गंतव्य तक पहुंचने में किसी प्रकार की असुविधा न हो।
प्रोत्साहन योजना से कर्मचारियों में जोश, दूरी के आधार पर मिलेगा बोनस
परिवहन निगम ने चालकों और परिचालकों के लिए प्रोत्साहन योजना की भी घोषणा की है। यदि कोई चालक या परिचालक संविदा सहित छह दिन लगातार सेवा देता है और 1800 किमी से अधिक दूरी तय करता है, तो उसे ₹1200 की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि तय दूरी से ज्यादा संचालन होता है, तो प्रति किलोमीटर ₹0.55 अतिरिक्त बोनस मिलेगा।
सिर्फ यही नहीं, जो तकनीकी कर्मचारी कार्यशालाओं और डिपो में तैनात हैं और नियमित उपस्थित रहते हैं, उन्हें भी ₹500 की एकमुश्त राशि दी जाएगी। हालांकि यह सुविधा तभी लागू होगी जब उस बस का लोड फैक्टर 64% या उससे अधिक हो।
रक्षाबंधन की तैयारी पूरी, आदेशानुसार तीन दिन चलेगी निशुल्क सेवा
क्षेत्रीय प्रबंधक महेश कुमार के अनुसार, रक्षाबंधन के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सभी कर्मचारियों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं और बसों को पूरी क्षमता के साथ चलाया जाएगा। महिलाओं और उनके एक सहयात्री को मुफ्त सेवा देने का आदेश निगम को प्राप्त हो चुका है और नियमों के तहत इसे पूरी निष्ठा से लागू किया जाएगा।
नई सौ बसों का शुभारंभ, ग्रामीण इलाकों में बढ़ेगी सुविधा
रक्षाबंधन के मौके पर ही एक और बड़ी सौगात सामने आई है। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह शुक्रवार दोपहर सिग्नेचर ग्रीन सिटी बस अड्डा से 100 नई बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। यह बसें खासकर उन ग्रामीण क्षेत्रों में भेजी जाएंगी जहां आज भी एकल मार्ग की समस्या है और लोग शहरों तक पहुंचने के लिए जूझते हैं।
इन बसों के जरिए उन गांवों को शहरों से जोड़ा जाएगा, जहां अब तक परिवहन की सीधी पहुंच नहीं थी। इससे न केवल रक्षाबंधन पर बहनों की यात्रा आसान होगी, बल्कि भविष्य में ग्रामीण परिवहन व्यवस्था को मजबूती भी मिलेगी।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा रक्षाबंधन पर दी जा रही मुफ्त यात्रा योजना एक सामाजिक सरोकार से जुड़ा अत्यंत महत्वपूर्ण निर्णय है। इससे महिलाओं को न केवल सुरक्षित और आसान यात्रा का लाभ मिलेगा, बल्कि यह व्यवस्था भावनात्मक रूप से भी भाई-बहन के रिश्ते को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाएगी।
साथ ही, निगम की ओर से कर्मचारियों के लिए घोषित प्रोत्साहन योजनाएं, स्पेशल रूट्स की व्यवस्था और नई बसों की शुरुआत यह दिखाती है कि प्रदेश सरकार और परिवहन विभाग इस अवसर को पूरे समर्पण के साथ सेवा का पर्व बना रहे हैं। यह न केवल एक योजना है, बल्कि महिला सशक्तिकरण और जनकल्याण की ओर उठाया गया सार्थक कदम है।
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