OLD Pension Good News: उत्तर प्रदेश के एडेड माध्यमिक स्कूलों में वर्षों से कार्यरत विषय विशेषज्ञों के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। राज्य सरकार इन शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने पर गंभीरता से विचार कर रही है। यह वही योजना है जिसे लेकर 2001 से नियुक्त विषय विशेषज्ञ लंबे समय से मांग कर रहे थे। अब शिक्षा मंत्री गुलाब देवी ने स्वयं विधान परिषद में इस विषय पर चर्चा करते हुए संकेत दिए हैं कि मामला सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ रहा है।
दरअसल, विधान परिषद में शिक्षक दल के एक सदस्य ने नियम 105 के तहत यह मुद्दा उठाया था। इसके बाद माध्यमिक शिक्षा मंत्री ने परिषद के सभी सदस्यों और संबंधित अधिकारियों के साथ बैठक की। इस दौरान योजना के सभी पहलुओं पर विस्तार से विचार किया गया और मानकों के आधार पर सकारात्मक आश्वासन भी दिया गया। अब निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सरकार इस महत्वपूर्ण फैसले को कब अमलीजामा पहनाती है।
2001 से लंबा सफर, 2003 में कोर्ट का आदेश
मामले की पृष्ठभूमि पर नज़र डालें तो 2001 में इन विषय विशेषज्ञों की नियुक्ति हुई थी। 2003 में हाई कोर्ट ने इस मामले में समायोजन का आदेश दिया था और 2006 में चयन बोर्ड अधिनियम में संशोधन करके इन्हें पूर्णकालिक शिक्षक का दर्जा भी प्रदान कर दिया गया था।
सरकार ने पहले ही 28 मार्च 2005 से पहले विज्ञापन जारी होने वाले सभी सरकारी सेवकों को पुरानी पेंशन योजना का लाभ देने का निर्णय लिया था। इसके बावजूद, इन विषय विशेषज्ञों को इस योजना से बाहर रखा गया। इस पर शिक्षा मंत्री गुलाब देवी का कहना है कि इनकी प्रारंभिक नियुक्ति केवल 11 महीने के अनुबंध पर 5000 रुपये मानदेय पर हुई थी और हर वर्ष नवीनीकरण होता रहा। इसी कारण इन्हें उस समय पुरानी पेंशन का पात्र नहीं माना गया।
बहस में उठी जोरदार आवाज़ें
इस मुद्दे पर निर्दलीय सदस्य राज बहादुर चंदेल ने तर्क दिया कि बाद में इन विषय विशेषज्ञों को नियमित कर दिया गया और प्रधानाचार्य व लेक्चरर के पद पर भी पदोन्नत किया गया। ऐसे में इन्हें पेंशन से वंचित रखना उचित नहीं है।
भाजपा के कई सदस्यों, नेता प्रतिपक्ष लाल बिहारी यादव और अन्य नेताओं ने भी पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत इन शिक्षकों को शामिल करने का समर्थन किया। बहस के दौरान विपक्ष और सत्ता पक्ष दोनों ही इस मुद्दे पर सहमत दिखे कि मामले को मानकों के आधार पर सुलझाया जाना चाहिए। अंततः शिक्षा मंत्री ने भी इस पर विचार करने का भरोसा दिया।
उम्मीद की किरण
लंबे समय से OLD Pension Good News की मांग कर रहे विषय विशेषज्ञों के लिए यह चर्चा नई उम्मीद लेकर आई है। अगर सरकार इस पर सकारात्मक फैसला लेती है, तो हजारों शिक्षकों को वित्तीय सुरक्षा का बड़ा सहारा मिलेगा और उनका वर्षों पुराना सपना पूरा होगा।
Disclaimer:
यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसमें उल्लिखित तिथियां, तथ्य और विवरण सरकारी घोषणाओं, मीडिया रिपोर्ट्स और आधिकारिक बयानों पर आधारित हैं। किसी भी प्रकार के निर्णय या कार्रवाई से पहले संबंधित विभाग या आधिकारिक वेबसाइट से नवीनतम जानकारी अवश्य प्राप्त करें।
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